पाठ्यक्रम के प्रतिफल (Outcomes)
- साहित्य की परिस्थितियाँ और प्रवृत्तियाँ हमारे वर्तमान जीवन को बनाने में सहयोग देती है । साहित्य अध्ययन से छात्रों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है।
छात्र समकालीन भारतीय जीवनमूल्य, जीवन दर्शन, समस्याएँ, संस्कृति से अवगत होते हैं।
छात्र हिंदी भाषा एवं साहित्य के बृहत इतिहास से परिचित होते हैं।
छात्र साहित्यिक विधाओं तथा साहित्यिक प्रवृतियों को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
- छात्र व्यवहारिक हिंदी के माध्यम से भाषा कौशल एवं भाषा प्रयोग में दक्ष होते हैं जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।
सूचना तथा भाषा प्रौद्योगिकी बदलते परिदृश्य का आकलन करने की क्षमता छात्रों में विकसित होती है।
- हिंदी संत साहित्य के अध्ययन के उपरांत छात्रों में नैतिक मूल्य विकासित होते हैं।
भाषा व्यक्तित्व विकास का एक सक्षम माध्यम है, अतः भाषा के अध्ययन से छात्रों के व्यक्तित्व का विकास होता है।
साहित्य समाज का दर्पण होता है साहित्य अध्ययन से छात्र सामाजिक संवेदनाओं से परिचित होता है।
छात्र साहित्य सृजन तथा संवाद कौशल में दक्ष होते हैं।
भाषा कौशल एक अहम कौशल्य है और कौशल विकास ही राष्ट्र उन्नति है।
- पाठ्यक्रम के सफल समापन पर, छात्र हिंदी भाषा में प्रभावी ढंग से संवाद करने में सक्षम होंगे।
इससे उनके श्रवण पठन वाचन लेखन कौशल में सुधार होगा।
- प्रभावी संचार कौशल के माध्यम से उनकी बौद्धिक, व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षमताओं का विकास होगा; साहित्यिक विषयों के माध्यम से व्यवहारिक दृष्टिकोण के उच्च मानक को सुनिश्चित करना और छात्रों को सामाजिक रूप से जिम्मेदार नागरिक के रूप में आकार देना।
छात्रों को हिंदी भाषा में साहित्य और साहित्यिक सिद्धांतों का ज्ञान होगा।
छात्रों को हिंदी में साहित्यिक अध्ययन के क्षेत्र में वर्तमान साहित्यिक आलोचनात्मक दृष्टिकोण, सिद्धांतों और पद्धतियों का गहन ज्ञान होगा।
छात्र अपनी ऐतिहासिक और बौद्धिक पृष्ठभूमि के प्रकाश में साहित्यिक ग्रंथों का विश्लेषण करने में सक्षम होंगे।
छात्र साहित्यिक समस्याओं का विश्लेषण इस तरह से कर सकेंगे जो एक अकादमिक अनुशासन के रूप में हिंदी साहित्य की विशिष्ट ऐतिहासिक, पारंपरिक और सामाजिक स्थितियों में अंतर्दृष्टि को दर्शाता है।